की अपने लिए जी लो, दुनिया ठुकरा देती है
की आज खुल क हंस लो, दुनिया रुला देती है
जाने अनजाने मे ज़िंदगी इतना सिखा देती है
की मोम जैसे कोमल रहो, दुनिया पत्थर बना देती है
की खुद से तुम प्यार करो, दुनिया नफ़रत का घूँट पिला देती है
जाने अनजाने मे ज़िंदगी इतना सिखा देती है
की कल जो हुआ उसे भूल जाओ, दुनिया फिर दर्द देती है
की खुद को तुम अपना खुदा कहो, दुनिया हैवान बना देती है