तू तो अपना ना हो सका
उन्हे ही अपना बना लू मैं
तेरी आँखों के ये घम चुरा लू मैं
तेरी हँसती खेलती नज़रों मे
जाने किसने ये घम भर दिए
उस श्क्स को बदुआओं से मार गिराउ मैं
आ, आज तुझे हसना सिखाउ मैं
तू खुश रहे, आबाद रहे
आ जान गवाउ मैं अगर तू कहे,
पर दिल मेरे तू मुस्कुरा
आज ऐसे नज़रें ना झुका
वक़्त तो मरहम लगा ही देगा
पर आज ज़िंदा रहने को मन नही करता
तेरी घम भरी आँखो को देख के,
अब तो मौत से भी डर नही लगता
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